Wednesday, 25 October 2017

RAVI IN PARK


रंजिश ही सही दिल को दुखाने के लिए आ,
आ फिर से मुझे छोड़ जाने के लिए आ,
कुछ तो मेरे इश्क़ का रहने दे भरम,
तू भी तो कभी मुझे मनाने के लिए आ।

हसीनों से मिलें नज़रें अट्रैक्शन हो भी सकता है,
चढ़े फीवर मोहब्बत का तो एक्शन हो भी सकता है,
हसीनों को मुसीबत तुम समझ कर दूर ही रहना,
ये अंग्रेजी दवाएं हैं रिएक्शन हो भी सकता है.


No comments:

Post a Comment

HI NIYA...............................R

NIYA NEW LOOK